75 वें संविधान दिवस के अवसर पर पूसा स्थित उमा पांडेय महाविद्यालय में क्वीज प्रतियोगिता व संगोष्ठी किया गया आयोजन ।

Samastipur Now

पूसा/समस्तीपुर/पी. एन. झा : बीते मंगलवार को पूसा प्रखंड स्थित उमा पांडेय महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में खेल एवं संस्कृति विभाग द्वारा भारतीय संविधान दिवस के 75 वें वर्षगांठ के अवसर पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के तस्वीर पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया गया. इस अवसर पर महाविद्यालय में क्वीज प्रतियोगिता व भारतीय संविधान दिवस पर सेमिनार हॉल में संगोष्ठी आयोजित की गई.

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. वृंदावन लाल जाटव व संचालन हिंदी विभाग के छात्र व लेखक शिवम सरोज ने किया।संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. राजेश कुमार यादव ने कहा कि पुरी दुनिया में भारत सबसे बडा़ लोकतांत्रिक देश है। जिसकी संरचना एक बहुलवादी संस्कृति का प्रसार करती है. यहां विभिन्न जाति-धर्म के बोली जाने वाली भाषा का संगम है. हर क्षेत्र में हर वर्ग के लोग रहते है, जिनके अलग-अलग परम्परागत सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश को मानते है. इन सबको एकता के सूत्र में पिरोने का एक मात्र अद्भुत माध्यम भारत का विश्वविख्यात लिखित संविधान है।

जो प्रत्येक इंसान को सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक रूप से न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, और उपासना की स्वतंत्रता तथा अपने सभी नागरिकों न्याय के साथ समानता का अधिकार प्रदान करता है। यह संविधान व्यक्ति की गरिमा वह राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए पुरी तरह से लामबंद है। साथ ही इस 75 वें संविधान दिवस पर छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को संविधान को हर पन्ने पर लिखी गई शब्दायान को जानने और उसे समझने के लिए प्रेरित किए। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व जिला परिषद प्रत्याशी सह आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार यादव ने कहा कि देश का संविधान उन गरीब-दलित वंचितों के लिए लोहा का काम करता है। वर्तमान समय में लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार पर बहुत बड़ा हमला किया जा रहा है. विदित हो कि 2024 के लिए 19वीं ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट भारत को 127 देशों में 105 वां स्थान दिया गया है। इसके मुताबिक भारत उन देशों में शामिल है जहां भुखमरी एक ‘गंभीर’ समस्या है. आज हर पल न जाने कितने लोग रोटी के बिना भूखे मर रहे है. शिक्षण संस्थानों में फीस वृद्धि होने से गरीब-दलित वर्गो के बच्चे हाशिए के कतार में खड़े है, हर क्षण संविधान और लोकतंत्र अधिकारों को रौंदा जा रहा है। हमें संविधान को बचाने के लिए आगे आना चाहिए। देश की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना सबकी जिम्मेवारी है। संविधान के प्रति निष्ठा और सम्मान रखते हुए देश में शांति, सद्भाव और सामाजिक समरसता बनाए रखना भी हम सबका दायित्व है। मौजूदा दौर में संविधान को खत्म करने की बात हो रही है. हमे संविधान दिवस के अवसर पर संकल्प लेते है कि आने वाले दिनों में छात्र-युवा संविधान को बचाने की लड़ाई में एकजुट होंगे.उन्होंने आगे कहा कि छात्र संगठन आइसा व युवा संगठन आरवाईए द्वारा महाविद्यालय परिसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का प्रतिमा निर्माण की मांग महाविद्यालय प्रशासन से किया जाएगा।

वहीं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. वृंदावन लाल जाटव ने कहा कि भारतीय संविधान दिवस के 75 वें वर्षगांठ के अवसर महाविद्यालय में संविधान संबंधित तथ्यों पर आयोजित क्वीज प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को आगामी दिनों मेंडल, मोमेंटो व प्रशस्ति-पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा। इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. दिनेश चंद्र पांडेय ने कहा कि भारतीय संविधान को विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान बताया, वहीं इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. प्रवीण कुमार ने संविधान सभा, संविधान निर्मात्री समिति, अनुच्छेद,अनुसूची, भाग आदि के बारे में विस्तार से बताया।

जबकि प्रो. डॉ. वंदना कुमारी ने संविधान सभा में 15 महिला सदस्य का होने एवं महिलाओं को दिए गए अधिकार पर विस्तार से चर्चा की। जबकि गणित विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. आराध्या कुमारी ने संविधान के बदौलत आज भारत को दुनिया में विकसित राष्ट्र कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रो. डॉ. बृजकिशोर कुमार, प्रो. डॉ. रेखा कुमारी, जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. रोमा कुमारी, गणित विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. लीलावती कुमारी, प्रो. डॉ. रूपेश कुमार, प्रो. डॉ. अर्यमा कुमारी, लेखक शिवम् सरोज व शिव सूर्य, शांतनु कुमार, प्रिया कुमारी, रिशु कुमारी, काजल कुमारी, स्वाति कुमारी, राहुल कुमार, जूली कुमारी, आरोही कुमारी, सुमित कुमार, रंजन कुमार अंकित कुमार, मुस्कान प्रवीन, सत्यम कुमार, यासमीन प्रवीन, चंदन कुमार, बिट्टू कुमार, गणपत कुमार आदि ने अपने विचारों को रखा। मौके पर महाविद्यालय के सैकड़ो छात्र-छात्राओं उपस्थित थे।

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