… तो 120 रुपए लीटर हो जाएगा पेट्रोल!

ईरान के फैसले से महंगाई का विस्फोट तय: अब बाइक चलाना भी पड़ेगा महंगा! भारत लौटे सकता है 1970 जैसा तेल संकट…

Petrol Price Hike: भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी उछाल का खतरा मंडरा रहा है. वजह है—दुनिया के सबसे अहम तेल ट्रांजिट पॉइंट, स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ को ईरान द्वारा बंद किए जाने की चेतावनी।अगर यह समुद्री रास्ता बंद होता है, तो भारत के तेल आयात पर जबरदस्त असर पड़ेगा, जिससे पेट्रोल की कीमत 120 रुपये प्रति लीटर या उससे भी अधिक हो सकती है।

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ फारस की खाड़ी और अरब सागर के बीच स्थित 33 किलोमीटर चौड़ा एक समुद्री गलियारा है, जिससे दुनिया का लगभग 25% कच्चा तेल गुजरता है। भारत के लिए यह और भी अहम है, क्योंकि हमारा लगभग 40% क्रूड ऑयल यहीं से आता है।ईरान की संसद ने अमेरिकी हमलों के जवाब में इस रास्ते को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है। यदि सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई इसे मंजूरी देते हैं, तो वैश्विक तेल आपूर्ति में भारी बाधा आ सकती है।

संकट की जड़: स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ क्यों बना ‘फ्यूल ब्लास्ट पॉइंट’?(Petrol Price Hike)

क्या कच्चे तेल की कीमतें 150 डॉलर तक पहुंच जाएंगी? (Petrol Price Hike)

इस आशंका के चलते ब्रेंट क्रूड की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि होर्मुज़ जलडमरूमध्य पूरी तरह बंद हो गया, तो कच्चे तेल की कीमतें 120 से 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं।

भारत के लिए खतरे की घंटी (Petrol Price Hike)

  • पेट्रोल-डीजल ₹120 प्रति लीटर तक जा सकते हैं
  • इकोनॉमी पर डोमिनो इफेक्ट: लॉजिस्टिक्स, फार्मा और FMCG सेक्टर भी प्रभावित होंगे
  • महंगाई की दूसरी लहर: ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ेगी, खाने-पीने की चीज़ें महंगी होंगी

भारत सरकार की तैयारी: क्या हम तैयार हैं? (Petrol Price Hike)

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भरोसा दिलाया है कि भारत के पास कई हफ्तों का रणनीतिक तेल भंडार मौजूद है और सप्लाई वैकल्पिक रास्तों से जारी रखी जाएगी।

भारत के पास मौजूद विकल्प (Petrol Price Hike)

  • रूस, अमेरिका, ब्राज़ील और नाइजीरिया से डायवर्सिफाइड आयात
  • विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पुडुर में 5 मिलियन मीट्रिक टन का तेल भंडार
  • रूस से प्रतिदिन 2.16 मिलियन बैरल तेल आयात

क्या ईरान वाकई होर्मुज़ को बंद कर सकता है? (Petrol Price Hike)

पूरी तरह नहीं इसके लिए ईरान को समुद्री माइंस बिछाने या सैन्य कार्रवाई करनी होगी। अमेरिका, सऊदी अरब और उनके सहयोगी देश इसे रोकने के लिए तैयार हैं।लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आंशिक बाधा भी तेल की कीमतों में भारी उबाल ला सकती है।

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