जिस मुख से भगवान का नाम ना निकले वह मुख बेकार है : माध्वाचार्य ।

Samastipur Now

विभूतिपुर/नवनीत कुमार झा : प्रखंड के दाहुचौक के समीप आलमपुर कोदरिया पंचायत स्थित मां काली मंदिर (मां काली चिमनी) परिसर में समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ के चौथे दिन कथा में प्रवेश करते हुए कथावाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के शिष्य वृंदावन के कथावाचक माध्वाचार्य जी महाराज ने बताए की ध्रुव जी महाराज 36 हजार वर्षों तक राज किया। उनके वश में राजा पृथु और ऋषभदेव जी जैसे राजा हुए। आगे अनामित्न चरित्र सुनते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कभी भगवान की सेवा नहीं करता तो वह हाथ रहने ना रहने के बराबर है। जिस मुख से भगवान का नाम ना निकले वह मुख बेकार है। इसीलिए भगवान ही सत्य इन्हीं को जीवन का आधार बनाकर चलने से इस भावसागर से मुक्ति मिलेगी। समुद्र मंथन, सूर्यवंश, चंद्रवंश का विस्तार से वर्णन करते हुए कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।

वहीं सूर्यवंश का विस्तार करते हुए बताए कि जीवन जीने का संपूर्ण ढंग भगवान श्रीराम से सीखना चाहिए! प्रातः काल उठी के रघुनाथा ।मात पिता गुरु नावहिं माथा।।राम जी प्रातः काल में उठकर अपने माता पिता और गुरु के चरणों में प्रणाम करते हैं! इसलिए आज के युवाओं को भी सीखना चाहिए। की अपने माता पिता का सम्मान करे. और माता पिता के आज्ञा का पालन करें । अपने मां बाप के ऊपर हाथ न उठाएं ।

अन्यथा जिस घर में मां बाप का सम्मान नही होता है उस घर में सदा अशांति बना रहता है। इसलिए भगवान को प्रसन्न करना हो तो पहले अपने माता पिता को प्रसन्न करना पड़ेगा।

इस भागवत कथा के निवेदक अमरेंद्र ठाकुर हैं। भागवत कथा में मनीष, चंदन, भूषण,नवाब समेत अन्य लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेकर सहयोग कर रहे हैं। कथा सुनने के लिए काफी संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

Share This Article
Leave a comment