रोसड़ा/समस्तीपुर/नवनीत कुमार झा : रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र लंबे समय से जिला बनने की सभी मापदंडों को पूरा करने के बावजूद अब तक अपने हक से वंचित है। ज्ञात हो कि वर्ष 1994 में तत्कालीन बिहार सरकार ने रोसड़ा अनुमंडल को जिला का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र और उपेक्षा के कारण पिछले 30 वर्षों से यह सपना अधूरा ही रह गया। रोसड़ा की जनता लगातार संघर्षरत है, किंतु अब तक इस अनुमंडल को जिला का दर्जा नहीं मिल सका है।स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब तक रोसड़ा को जिला नहीं बनाया जाएगा, तब तक क्षेत्र का समग्र विकास संभव नहीं है। जिला का दर्जा नहीं मिलने से यहां के लोग पिछड़ेपन का दंश झेलने को विवश हैं।

जनहित से जुड़े मुद्दे
जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति की कमी के कारण रोसड़ा आज भी अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। इनमें प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं—
सड़क:
वर्षों से लंबित जर्जर सड़कों का पुनर्निर्माण आवश्यक है। ब्लॉक कार्यालय से अनुमंडल अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय, न्यायालय परिसर, ब्लॉक रोड, स्टेशन रोड, महावीर चौक से गुजरी बाजार होते हुए बड़ी दुर्गा स्थान रोड सहित ग्रामीण इलाकों की सड़कें बदहाल हैं। शहर में जाम की समस्या से निजात के लिए वायपास निर्माण तथा रेलवे गुमटी पर ओवरब्रिज की मांग भी तेज है।
शिक्षा:
यू०आर० कॉलेज में स्नातकोत्तर नियमित पढ़ाई की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही अनुमंडल क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, विधि कॉलेज की स्थापना, ब्लॉक रोड स्थित पुस्तकालय का सौंदर्यीकरण तथा सभी पंचायतों में एक-एक उच्च विद्यालय की स्थापना की मांग की गई। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाली पाठ्यपुस्तकें और सामग्री वर्तमान में 25 से 50 प्रतिशत छात्रों तक ही सीमित हैं, जिन्हें सभी छात्रों तक पहुंचाना जरूरी है।

स्वास्थ्य:
रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के सभी पंचायतों व नगरों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना तथा अनुमंडलीय अस्पताल में गरीब मरीजों के लिए सोनोग्राफी, सीटी स्कैन व अन्य आधुनिक जांच उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की गई।
क्रीड़ा:
अनुमंडलीय मैदान में जल जमाव की समस्या का समाधान, मैदान का सौंदर्यीकरण, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन एवं खेल सामग्री की व्यवस्था पर बल दिया गया। साथ ही युवा क्लब, प्रेस क्लब और टाउन हॉल की स्थापना की आवश्यकता बताई गई।

रोजगार:
बेरोजगार युवाओं को लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए बैंक से कम ब्याज पर सरल ऋण उपलब्ध कराने की मांग भी उठाई गई।
राजनीतिक क्षेत्र:
वर्ष 2008 में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रोसड़ा की खोई हुई प्रतिष्ठा—लोकसभा क्षेत्र व माहे सिंघिया विधानसभा के पुनर्गठन—को लेकर भी लोगों में गहरी नाराज़गी है।

रेलवे:
रोसड़ा रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाए। साथ ही रोसड़ा से बेगूसराय होते हुए बरौनी जंक्शन तक तथा रोसड़ा से शिवाजीनगर–दूधपुरा–माहे सिंघिया–कुशेश्वरस्थान–बिरौल–सुपौल होते हुए दरभंगा, सकरी, मधुबनी और सहरसा तक नए रेलखंड निर्माण की मांग को लेकर एकदिवसीय धरना अनुमंडल मैदान के समक्ष दिया गया । जिसमें बिट्टू सिंह ,लालू यादव ,ओम प्रकाश लाल, आशीष झा, नीतीश पासवान ,संतोष यादव, श्याम बाबू सिंह ,सकेत शर्मा, अर्जुन सिंह, मो. जावेद, मुरारी गुप्ता, पंकज झा, जितेंद्र कुमार ,राम सुखित सहनी, सुनील रजक, डॉ एस कुमार, राजेश कुमार सुमन, मनीष कुशवाहा, मिश्रा विश्व बारूद समेत सैकड़ो अनुमंडल वासी धरना में मौजूद थे।
रोसड़ा वासियों का कहना है कि अब समय आ गया है जब बिहार सरकार रोसड़ा अनुमंडल को जिला का दर्जा प्रदान कर क्षेत्र को उसका अधिकार दिलाए। इससे न केवल यहां के लोगों की दशकों पुरानी मांग पूरी होगी, बल्कि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित होगा।
